Divya Deshmukh: 19 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन

हाय दोस्तों! आज बात करते हैं भारत की उस बेटी की, जिसने 19 साल की उम्र में शतरंज की दुनिया में तहलका मचा दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिव्या देशमुख की, जिन्होंने 2025 में FIDE वूमेन्स वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया। वो इस खिताब को जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

कौन हैं Divya Deshmukh ?
नागपुर की रहने वाली दिव्या ने सिर्फ 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं, लेकिन दिव्या ने शतरंज को अपना रास्ता चुना। 7 साल की उम्र में उन्होंने अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2021 में वो भारत की 21वीं महिला ग्रैंडमास्टर बनीं, और अब इस वर्ल्ड कप जीत के साथ वो भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर हैं।

Divya Deshmukh का वर्ल्ड कप का सफर
दिव्या का ये सफर आसान नहीं था। उन्होंने टूर्नामेंट में कई बड़े खिलाड़ियों को हराया। पहले चीन की जिनेर झू को, फिर हमवतन डी. हरिका को टाईब्रेक में 2-0 से मात दी। सेमीफाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी को 101 चालों में हराया। फाइनल में कोनेरू हम्पी के खिलाफ दो क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे, लेकिन टाईब्रेक में दिव्या ने 2.5-1.5 से जीत हासिल की। उनकी इस जीत ने 2026 के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी उनकी जगह पक्की कर दी।

क्या बनाता है उन्हें खास?
दिव्या की मेहनत, धैर्य और रणनीति उनकी ताकत है। वो न सिर्फ बिसात पर कमाल करती हैं, बल्कि खेल में लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर भी खुलकर बोलती हैं। उनकी जीत भारतीय महिला शतरंज के लिए बड़ी बात है।

तो, क्या आप भी दिव्या से प्रेरित हैं? कमेंट में बताइए!

Author

  • Smriti

    Smriti has a postgraduate degree in journalism from Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth Varanasi. She has 10 years of experience in journalism. She started her journalism career with Dainik Jagran Gorakhpur unit in 2015. After serving in ETV Bharat, she has been associated with Government Schemes for the last six years.

Leave a Comment