Punjab Land Pooling Policy 2025: पंजाब सरकार ने हाल ही में लैंड पूलिंग पालिसी लागू की है। इस लैंड पुलिंग पोलिसी का उद्देश्य शहरीकरण की योजना को बढ़ावा देना है ताकि संपूर्ण पंजाब से अवैध कालोनियां और भू अपराधियों को रोका जाए। इस संपूर्ण कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों की तरफ से सरकार को काफी सहयोग मिल रहा है। क्योंकि इस योजना में किसानों को पारदर्शी ढंग से विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जा रहा है। यानी कि कृषि भूमि को बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध तरीक़े से विकसित करने ,शहरों और औद्योगिक केंद्र को व्यवसाय केन्द्रो में बदलने के लिए तैयार की जा रही है।
किस प्रकार लागू की जा रही है यह नीति
लैंड पूलिंग नीति को किसानो की इच्छा के अनुसार लागू किया जा रहा है। अर्थात इस नीति के अंतर्गत यदि किसान शामिल होना चाहते हैं तो वह स्वेच्छा से शामिल हो सकते हैं। इस नीति के अंतर्गत भूमि के बदले किसानों को आवास और व्यावसायिक भूखंड तथा औद्योगिक भूखंड दिए जाएंगे जहां किसान कृषि योग्य भूमि सरकार को देखकर बदले में व्यावसायिक प्लॉट ले सकते हैं।
किसान इस नीति को क्यों समर्थन दे रहे हैं
यह नीति किसानों को काफी फायदेमंद लग रही है क्योंकि इस नीति से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा रही है। वहीं इस नीति के माध्यम से किसानों को विकास से सीधे रूप से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा इस नीति की वजह से भू माफियाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जा रही है। बल्कि यह योजना सरकार ने अपनी सहमति से शुरू की है जिसके माध्यम से किसानों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत सरकार नीतिगत कदम उठा रही है और किसानों को बदले में अच्छा खासा मुआवजा और व्यवसायिक प्लॉट भी दे रही है जो कि किसानों के हित का फैसला है।
किसानों को मिलेगा क्या?
ज़मीन दी गई (एकड़ में) | वापसी में मिलने वाला भूखंड |
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1 एकड़ | 1000 गज आवासीय + 400 गज कमर्शियल प्लॉट |
5 एकड़ तक | 40% विकसित प्लॉट वापसी |
इसके अलावा | अतिरिक्त लाभ जैसे सड़कों से जुड़े भूखंड, बिजली-पानी सुविधा |
इस नीति की वजह से क्या प्रभाव होगा
हालांकि पंजाब में किसान इस नीति को काफी सहयोग दे रहे हैं परंतु कई जगहों पर इस नीति को भूमि लूट करार दिया जा रहा है। कई किसान इस नीति को व्यवसायिक परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई रणनीति बता रहे हैं ताकि छोटे किसान बड़े किसानों से ना उलझे और अपनी भूमि बेचकर व्यवसायिक प्लॉट या मुआवजा प्राप्त कर हट जाए।
जैसा कि हम सब जानते हैं पंजाब में देश का सबसे ज्यादा गेहूं और चावल उत्पादित होता है ऐसे में यदि यहां की कृषि भूमि पर कालोनियां बनने लगी तो कृषि पर विपरीत असर पड़ेगा। इसके अलावा किसान खेती बाड़ी करने की बजाय अपने खेतों को कम दामों में दलालों और बिल्डर को बेच रहे हैं जिसकी वजह से अनियोजित शहरीकरण भी हो रहा है और बुनियादी ढांचे तथा पर्यावरण पर बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा अपनी यह नीति कुछ हद तक फायदेमंद साबित होगी तो कहीं ना कहीं इसके नुकसान भी देखने को मिलेंगे।
नीति का उद्देश्य: विकास और पारदर्शिता
पंजाब सरकार के अनुसार, इस नीति का मकसद है:
- अवैध कालोनियों और भू माफियाओं पर रोक
- पंजाब में योजनाबद्ध नगरीकरण (planned urbanization)
- किसानों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना
- राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारना और निवेश को आकर्षित करना